​​राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया...✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
​​राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया..
दिल बहुत कुछ जला के देख लिया...
और क्या देखने को बाक़ी है 
आप से दिल लगा के देख लिया...
वो मिरे हो के भी मिरे न हुए
उन को अपना बना के देख लिया...
आज उन की नज़र में कुछ हम ने
सब की नज़रें बचा के देख लिया...
'कुमार' तकमील-ए-ग़म भी हो न सकी
इश्क़ को आज़मा के देख लिया...
.. कुमार शशि..... 
#dedicated ♡My Love♡ 
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

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